चिराग पासवान हुए NDA में शामिल, BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किया ‘परिवार में स्वागत’

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लोक जनशक्ति पार्टी के संस्‍थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) में शामिल हो गए हैं. सोमवार को बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने इस बात का ऐलान किया.

नड्डा ने उनका बीजेपी के परिवार में स्‍वागत किया. नई दिल्‍ली में बीजेपी मंगलवार को एनडीए के सभी दलों के साथ मिलकर बैठक करने जा रहा है. बीजेपी का दावा है कि कुल 36 दल अबतक उनके साथ आ चुके हैं.

जेपी नड्डा ने ट्विटर पर चिराग के साथ तस्‍वीर साझा करते हुए लिखा, ‘चिराग पासवान जी से दिल्ली में भेंट हुई. उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है. मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूं.’

चिराग पासवान ने इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर एक ट्वीट के जरिये जल्द ही एनडीए में शामिल होने के संकेत दिए थे. चिराग पासवान ने कहा, ‘आज नई दिल्ली में देश के गृह मंत्री अमित शाह से गठबंधन के मुद्दों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई.’

इन मांगों पर अड़े थे चिराग पासवान

बता दें कि चिराग के पिता और दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के नेतृत्व में अविभाजित एलजेपी ने 2019 में छह लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था और बीजेपी के साथ सीट के बंटवारे के तहत उसे राज्यसभा की एक सीट भी मिली थी. युवा नेता चिराग चाहते हैं कि उनकी पार्टी में विभाजन के बावजूद बीजेपी, उसी व्यवस्था पर कायम रहे. एलजेपी में विभाजन के बाद बने दूसरे गुट राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस हैं, जो सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.

एलजेपी (रामविलास) के सूत्रों ने कहा कि चिराग पासवान ने अपने गठबंधन को औपचारिक रूप देने से पहले बिहार में लोकसभा और विधानसभा सीट के अपने हिस्से के बारे में बीजेपी के समक्ष स्पष्टता पर जोर दिया है.

चिराग पासवान सीट के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए बीजेपी के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं. शाह से आज की उनकी मुलाकात को भी इसी कवायद के रूप में देखा जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय इससे पहले चिराग पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं.

चिराग यह भी चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें हाजीपुर लोकसभा सीट दे, जो दशकों से उनके पिता का गढ़ रही है, लेकिन वर्तमान में संसद में पारस इस सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. चिराग के चाचा ने भी इस सीट पर दावा करते हुए कहा है कि वही रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं, ना कि चिराग.

बीजेपी भी दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने के लिए काम कर रही है. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में केंद्रीय मंत्री पारस से भी मुलाकात की है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन टूट जाने के बाद से बीजेपी चिराग पासवान को अपने पाले में वापस लाने के लिए उत्सुक है, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में अपनी ताकत और बढ़ाना चाहती है.

चिराग पासवान 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के तत्कालीन सहयोगी नीतीश कुमार का विरोध करने के कारण एनडीए से अलग हो गए थे, लेकिन वह प्रमुख मुद्दों पर बीजेपी के समर्थन में रहे.

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