कब शुरू होगा चातुर्मास? इस दिन से बंद हो जाएंगे मांगलिक कार्य, जानें क्यों जल्दी पड़ेंगे त्योहार

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साल भर मे चार महीना ऐसा होता है. जब भगवान विष्णु शयन मुद्रा में चले जाते हैं. जिसे चातुर्मास भी बोलते हैं. इन चार महीना में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है.

यानी कि चातुर्मास के दौरान मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, शादी विवाह इत्यादि पर विराम लग जाता है.चातुर्मास के समापन के बाद फिर से सभी मांगलिक कार्य शुरू होने लगते हैं.

इस चातुर्मास का प्रभाव हमारे पर्व त्यौहार पर भी पड़ता है. पिछली साल पांच महीने का चातुर्मास रहने के कारण पर्व त्यौहार की तारीख आगे बढ़ गई थी. लेकिन, इस साल के चातुर्मास के प्रभाव के कारण पर्व त्यौहार नजदीक आने वाले है. तोह आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते है कि कब से शुरू हो रहा है चातुर्मास और क्या प्रभाव पड़ रहा है?.

क्या कहते है देवघर के ज्योतिषआचार्य

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जुलाई को है. इस दिन से चातुर्मास की शुरुआत हो जाती है. इस दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करने के लिए चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी जो इस साल 12 नवंबर को है.इस दिन भगवान विष्णु शयन मुद्रा से जाग जाते हैं. भगवान विष्णु के शयन काल से लेकर जागने तक की समय को चातुर्मास कहते हैं. चातुर्मास को पूजा पाठ के लिए विशेष माना जाता है. इन चार महीना में किसी भी तरह की मांगलिक कार्य की मनाही रहती है.

इस साल पहले आने वाले है पर्व त्यौहार

पिछली साल मलमास लग जाने के कारण चातुर्मास पांच महीने का हो गया था. लेकिन, इस साल चातुर्मास चार महीने का है. जिसके कारण चातुर्मास में मनाए जाने वाले पर त्यौहार 11 से 15 दिन नजदीक आने वाले हैं.पिछली साल 11 सितंबर को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया था. लेकिन, इस साल 26 अगस्त को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा.

चातुर्मास के दौरान नहीं करनी चाहिए यह कार्य

चातुर्मास के यह चार महीने भगवान विष्णु को समर्पित रहता है. इसलिए 4 महीने भगवान विष्णु के नाम से पूजा पाठ करने से सभी कार्य पूर्ण होते हैं.लेकिन, इन चार महीना में तामसिक भोजन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. चातुर्मास के दौरान किसी भी तरह का मांगलिक कार्य बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. जैसे शादी विवाह, मुंडन, जनेऊ इत्यादि. चातुर्मास के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए. इससे आपको नुकसान उठना पड़ सकता है.

चातुर्मास के दौरान इन सब्जियों का ना करे सेवन

चातुर्मास के दौरान कई सब्जी ऐसी है जो वर्जित मानी जाती है. जैसे मूली, परवल,बेगन,साग पात, इसके साथ ही शहद और गुड़ का सेवन भी चातुर्मास में नहीं करना चाहिए.

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