जिस अकाली दल को पिता प्रकाश ने खून-पसीने से सींचा, सुखबीर बादल को क्यों छोड़ना पड़ा उसका अध्यक्ष पद?
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने शिअद वर्किंग कमेटी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है, ताकि नए अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो सके.
उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्वास जताने और पूरे कार्यकाल के दौरान मिले समर्थन और सहयोग के लिए सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया है.
सीनियर अकाली नेता दलजीत सिंह चीमा ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए एक पोस्ट सुखबीर बादल के इस्तीफा की जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ‘अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज पार्टी की कार्यसमिति को अपना इस्तीफा सौंप दिया. ऐसा उन्होंने नए अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ करने के लिए किया है. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विश्वास जताने, तहे दिल से समर्थन और सहयोग देने के लिए सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया है.’ माना जा रहा है कि बादल के इस्तीफे के बाद अब चीमा को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
सुखबीर बादल को आखिर क्यों देना पड़ा इस्तीफा
पंजाब की सियासत में सुखबीर बादल के इस्तीफे को बड़ा सियासी घटनाक्रम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, लगातार कई चुनाव में शिअद की करारी हार के चलते बादल पर अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव था. खबर है कि बागी अकाली नेताओं ने अकाल तख़्त से सुखबीर बादल की शिकायत की थी. उन्होंने बेअदबी की घटनाओं के लिए भी तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर बादल को ज़िम्मेदार ठहराया है. इस मामले में अकाल तख़्त ने सुखबीर बादल को तनखैया (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया हुआ है. हालांकि इस मामले में अकाल तख्त की तरफ से सजा का एलान होना अभी बाकी है.
इससे पहले 1 जुलाई को पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित अकाली दल के बागी नेता अकाल तख्त के सामने पेश हुए थे. उन्होंने 2007 और 2017 के बीच पार्टी की सरकार द्वारा की गई ‘गलतियों’ के लिए माफी मांगी. बादल को इस मामले में अकाल तख्त से कोई राहत नहीं मिली, तो इसके बाद अकाली दल ने 24 अक्टूबर को घोषणा की कि वह उपचुनाव नहीं लड़ेगा.