बालासोर रेल हादसे में CBI ने दर्ज किया केस, रेलवे अफसरों से की पूछताछ, ट्रैक-सिग्नल सिस्टम की गहन जांच
ओडिशा (Odisha) के बालासोर रेल हादसे (Balasore Train Accident) को लेकर सीबीआई (CBI) ने अपनी जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने एक एफआईआर आईपीसी और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की है.
आईपीसी की धारा 337, 338, 304A, 34 और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154, 175 तहत केस दर्ज किया है. हादसे की जांच के सिलसिले में मंगलवार को सीबीआई और फॉरेंसिंक टीम मौके पर पहुंची थी और अधिकारियों से भी पूछताछ की है. सीबीआई ने रेल मंत्रालय की सिफारिश और ओडिशा सरकार (Odisha Government) की सहमति व डीओपीटी (Government of India) के प्राप्त आदेशों पर मामला दर्ज किया है.
इस बीच देखा जाए तो इस दिल दहला देने वाले रेल हादसे में 278 लोगों की जान जा चुकी है और करीब 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बड़ी संख्या में अभी भी घायलों का इलाज ओडिशा के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है. वहीं रेलवे बोर्ड ने इस वीभत्स रेल हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश भी गत रविवार की थी. दो यात्री ट्रेनों और एक मालगाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने में रेलवे बोर्ड ने कुछ संदेह जताते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की जरूरत महसूस की थी. इसके बाद सीबीआई ने अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सीबीआई हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जताई है. खुर्दा रोड मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) रिंकेश रॉय ने संदेह जताया है कि सिग्नल प्रणाली में संभवत: ‘छेड़छाड़’ की गई है. घटना के एक दिन बाद यानी 3 जून को ओडिशा पुलिस द्वारा बालोसोर राजकीय रेलवे पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 64 की जांच केंद्रीय एजेंसी ने अपने हाथ में ली है.
दक्षिण पूर्वी रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य चौधरी ने कहा कि सीबीआई सभी पहलुओं की जांच करेगी. वह जानकारी एकत्र कर रही है और रेलवे इसमें पूरा सहयोग करेगा.
रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त (दक्षिण पूर्वी क्षेत्र) शैलेश कुमार पाठक ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया और अपनी जांच के तहत हादसे के बारे में लोगों से बात की.
एक अधिकारी ने बताया कि हादसे की वजहों की जानकारी सीबीआई और सीसीआरएस की जांच पूरी होने के बाद ही मिल पाएगी. उन्होंने कहा कि बालासोर जीआरपी ने मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और वह भी हादसे की जांच कर रही है.
गौरतलब है कि 2 जून शाम करीब सात बजे हावड़ा के नजदीक शालीमार से चेन्नई सेंट्रल जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी जिससे उसके अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए थे. उसी समय दूसरी ओर से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के आखिरी कुछ डिब्बे भी कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुई बोगियों से टकरा गए थे. इस हादसे में मारे गए 278 लोगों में से 177 लोगों की पहचान कर ली गई है और उनके शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. बाकी अज्ञात शवों की पहचान के लिए रेलवे ने अलग-अलग माध्यम अपनाए हैं जिससे उनकी पहचान की जा सके.
बताते चलें कि बालासोर में गत 2 जून को हुए रेल हादसे की जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की 10 सदस्यीय टीम ओडिशा में है और उसने मंगलवार को पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से भी पूछताछ की है. सीबीआई अधिकारियों के साथ पहुंची फॉरेंसिक टीम (forensic team) ने भी सिग्नल रूम के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की.