‘वाजपेयी ने मुझे सीएम बनवाया, लेकिन दो बार…’ आखिर किन गलतियों की बात कर रहे नीतीश कुमार

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपने रिश्तों को याद किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दिवंगत दिग्गज नेता ने ही उन्हें दशकों पहले मुख्यमंत्री बनाया था.

बिहार के आरा में एक रैली को संबोधित करते हुए जदयू नेता ने कहा, “मैं अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में मंत्री था. वे मुझे बहुत पसंद करते थे. उन्होंने ही मुझे बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था. कुछ गलतियां यहां-वहां हुईं, लेकिन अब हम मिलकर काम करेंगे.”

15 साल तक राज्य पर राज करने वाले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हम देख रहे थे कि कोई काम नहीं हो रहा था. उनके शासन में, शाम के बाद कोई भी अपने घरों से बाहर नहीं निकल सकता था डर के मारे… उनके कारण झगड़े होते थे. वे सिर्फ मुस्लिम वोट चाहते थे… लेकिन हिंदू-मुस्लिम झगड़े ज्यादा होते थे… क्या हमारे सत्ता में आने के बाद कोई झगड़ा हुआ है?”

रैली के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों की तारीफ की. एएनआई ने उनके हवाले से कहा, “हमने हिंदू, मुस्लिम, सवर्ण, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और महादलित सभी के लिए काम किया है… हमने मुस्लिम समुदाय के लिए भी बहुत काम किया है. मदरसों को सरकारी मान्यता दी गई और शिक्षकों को सरकारी स्कूल के शिक्षकों के बराबर वेतन दिया गया. वे (विपक्ष) सिर्फ वोट लेते रहे और कभी कुछ नहीं किया.”

एनडीए की अहम सहयोगी पार्टी है नीतीश कुमार की जेडीयू

12 लोकसभा सांसदों के साथ, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) एनडीए सरकार में भाजपा की एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. इस साल जनवरी में नीतीश कुमार ने एनडीए में वापसी की थी, जबकि इससे पहले उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर लालू प्रसाद की आरजेडी के साथ हाथ मिला लिया था. नीतीश कुमार, जिन्होंने 1970 के दशक में जेपी आंदोलन के दौरान अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की, ने सबसे पहले 2013 में भाजपा के साथ 17 साल पुराने गठबंधन को समाप्त कर दिया और आरजेडी के साथ फिर से जुड़ गए थे.

उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से जीत हासिल की. लेकिन यह गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चला और कुमार ने राजद को छोड़कर एनडीए में वापसी कर ली. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर लड़े, लेकिन 2022 में उन्होंने इस गठबंधन से नाता तोड़कर फिर से महागठबंधन में शामिल हो गए. और आखिर में 2024 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदलते हुए एनडीए में वापसी कर ली.

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