G20 समिट में PM मोदी ने दिया ‘संवेदना, एकजुटता, विश्वास’ का मंत्र, ये रहीं उनके भाषण की 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) की शुरुआत मोरक्को में आए भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना और एकजुटता जताते हुए और ‘वैश्विक भरोसे की कमी को खत्म करने और माहौल को अधिक भरोसेमंद संबंधों में बदलने’ की प्रतिज्ञा के साथ की.
प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक सहित दुनिया के कई देशों के नेताओं का स्वागत किया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष क्रिस्टालिना जॉर्जिवा और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला प्रगति मैदान में जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने वाले पहले लोगों में से थे. भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी-20 शिखर सम्मेलन के स्वागत भाषण की मुख्य बातें ये रहीं:
हम मोरक्को में भूकंप में घायल हुए सभी लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं. हम उनके साथ हैं और हरसंभव मदद की जाएगी. इस कठिन समय में पूरी दुनिया मोरक्को के साथ खड़ी है. हम प्रार्थना करते हैं कि सभी घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हों.
हम G20 शिखर सम्मेलन के सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हैं. इस 21वीं सदी में हम एक नई विश्व व्यवस्था देख रहे हैं. मानव-केन्द्रित दृष्टिकोण समय की मांग है.
यह वह समय है जब सदियों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान की मांग कर रही हैं. यह समय हम सभी को एक साथ मिलकर चलने का है.
अगर हम कोविड-19 को हरा सकते हैं, तो हम भरोसे को लेकर पैदा किसी भी मुद्दे से लड़ सकते हैं. हम दुनिया में विश्वास की कमी को अधिक भरोसेमंद संबंधों में बदलने का संकल्प लेते हैं. हमें वैश्विक भरोसे की कमी को घटाना होगा.
भारत की G20 की अध्यक्षता न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में समावेशन का प्रतीक है. हमें बेहतर भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.
यह समय हम सभी को एक साथ मिलकर चलने का है. ऐसे समय में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र हमारे लिए पथप्रदर्शक हो सकता है.
चाहे उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी हो, भोजन और ईंधन का प्रबंधन हो, आतंकवाद हो, साइबर सुरक्षा हो, स्वास्थ्य हो, ऊर्जा हो या जल सुरक्षा हो, हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए ठोस समाधान खोजना होगा.
भारत ने अफ्रीकी संघ को G20 का स्थायी सदस्य बनाने की पेशकश की है. मुझे विश्वास है कि सभी सदस्य इस प्रस्ताव पर सहमत होंगे. आप सभी के समर्थन से मैं अफ्रीकी संघ को जी20 में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं.
21वीं सदी का ये समय पूरी दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला और नई दिशा देने वाला एक महत्त्वपूर्ण समय है. ये वो समय है जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं. इसलिए हमें मानव केंद्रित नजरिये के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है.
भारत की G20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेश और सबका साथ का प्रतीक बन गई है. भारत में ये पीपुल्स G20 बन गया है. करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं.