कान छिदवाने के हैं इतने फायदे, धन-सम्मान की प्राप्ति के साथ करियर में भी मिलती है सफलता, जानें कैसे!
कान छेदन एक प्राचीन परंपरा है जिसे ज्योतिष और स्वास्थ्य दोनों के नजरिए से महत्वपूर्ण माना गया है. आपने अक्सर देखा होगा कि कई लोगों के कानों में सोना होता है, कुछ के चांदी और कुछ कृत्रिम धातुओं के आभूषण होते हैं.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर सही धातु का चुनाव क्यों जरूरी होता है? भारतीय संस्कृति में कान छेदन को सिर्फ सौंदर्य या परंपरा से नहीं जोड़ा गया, बल्कि इसके पीछे कई वैज्ञानिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक कारण हैं. कान छेदन करने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है, बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है और मानसिक शांति बनी रहती है.
पुरुषों के लिए कान में सोना पहनना बेहद शुभ माना जाता है, जबकि चांदी पहनने से मानसिक अस्थिरता बढ़ सकती है. यह इसलिए क्योंकि कान केतु ग्रह से जुड़े होते हैं, और चांदी चंद्रमा का कारक है. जब केतु और चंद्रमा आपस में जुड़ते हैं, तो मानसिक और शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती हैं. इसलिए, ज्योतिष शास्त्र में पुरुषों को कान में सोना धारण करने की सलाह दी जाती है. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी.
कान छेदन के प्रमुख लाभ
संतान सुख में वृद्धि
अगर संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो, संतान का स्वास्थ्य कमजोर हो, या संतान से जुड़ी अन्य परेशानियां हों, तो कान में सोना पहनने से लाभ मिलता है. यह उपाय विशेष रूप से उन माता-पिता के लिए फायदेमंद है, जिनकी संतान अक्सर बीमार रहती है या किसी न किसी समस्या से घिरी रहती है.
मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य
कान छेदन से कई प्रकार की बीमारियों में राहत मिलती है, खासकर सिरदर्द, तनाव, माइग्रेन और आंखों की कमजोरी जैसी समस्याओं में सुधार होता है. यह हमारे तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने में मदद करता है और शरीर में ऊर्जा प्रवाह को सही दिशा में भेजता है.
करियर और सफलता में वृद्धि
जिन लोगों को करियर में बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है. नौकरी में अस्थिरता बनी रहती है या व्यापार में नुकसान हो रहा हो, उनके लिए कान छेदन करना लाभदायक होता है. कान में सोना पहनने से बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त होती है जिससे ज्ञान, बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है.
केतु ग्रह का संतुलन
जिनकी कुंडली में केतु कमजोर होता है उन्हें जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि बेवजह का तनाव, धन हानि, पारिवारिक कलह और अचानक दुर्घटनाएं. कान में सोना धारण करने से केतु ग्रह शांत होता है और जीवन में स्थिरता आती है.
कान छेदन के सही नियम और शुभ मुहूर्त
कब करवाना चाहिए?
कान छेदन बच्चे के जन्म के बाद 3 वर्ष की आयु पार करने के बाद करवाना शुभ होता है. अगर किसी कारणवश पहले नहीं हुआ हो, तो बड़े होने के बाद भी सही मुहूर्त देखकर करवाया जा सकता है.
छेदन के बाद क्या करना चाहिए?
कान छेदन के बाद मिठाई बांटनी चाहिए, क्योंकि यह मंगल ग्रह का प्रतीक है और इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं. साथ ही, कान में सोने की तार या बाली जरूर धारण करनी चाहिए. अगर सोना महंगा लगे तो कम से कम सोने की पतली तार का उपयोग करें.
कान में सोना पहनना संभव न हो तो क्या करें?
अगर कान में सोना पहनना संभव न हो तो कान के पीछे केसर का तिलक लगाना शुभ फलदायी होता है. यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो विदेश यात्रा, व्यापार या करियर में प्रगति चाहते हैं.
Comments are closed.