‘लाखों दिलों के अरमान का कत्ल’, विपक्ष का आरोप- यूरोप बनाते-बनाते केजरीवाल ने दिल्ली को बना दिया बोलीविया

0 58

साल 2020 के दिसंबर महीने में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया था.

कंसल्टेंट का काम था राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपियन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने का. साल 2021 के अगस्त महीने में भी दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ चिराग दिल्ली इलाके का दौर किया था. केजरीवाल उस वक्त भी कहा था कि अगले साल 2023 तक दिल्ली की सड़कें यूरोपीय शहरों (European Cities) की तर्ज पर बनकर तैयार हो जाएंगे. आज 2024 के अक्टूबर महीने में दिल्ली की नई सीएम आतिशी सड़कों को गड्ढामुक्त करने की बात कर रही हैं.

आपको बता दें कि साल 2020 में केजरीवाल जब बोल रहे थे कि यूरोप की सड़कों की तरह दिल्ली की सड़कें बनेंगी तो तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन भी उनके बगल में बैठे थे. आज तीनों अपने पद पर नहीं हैं. तीन साल बाद विपक्ष के साथ दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना दिल्ली की सड़कों को नाला बनते फोटो धराधर एक्स सहित कई सोशल साइट्स पर शेयर कर रहे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सड़कों को लेकर राजनीति तेज हो गई है.

वर्ल्ड क्लास सड़क बनाते-बनाते भरने लगे गड्ढा

दरअसल, ये सारी कवायद दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना के पिछले सप्ताह दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सड़कों के निरीक्षण के बाद की है. एलजी के फोटो शेयर करने के बाद राजनीति तेज हो गई. एनलजी ने सड़कों की खास्ता हाल के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. इसके बाद ही केजरीवाल ने आतिशी को दिल्ली की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए एक पत्र लिखा. इस पत्र के बाद आतिशी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ सड़कों पर उतर आई.

कांग्रेस ने लगाया बड़ा आरोप

आतिशी के दिल्ली की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के दावे पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा देवेंद्र यादव न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहा, ‘केजरीवाल हरियाणा के मतदाताओं को गुमराह करने के लिए विकास के अस्तित्वहीन दिल्ली मॉडल का झूठा श्रेय लेना चाहते हैं. केजरीवाल ने दिल्ली के लाखों दिलों के अरमान का कत्ल किया है. पिछले 12 वर्षों में सीएमलैड फंड से सड़क निर्माण पर एक भी पैसा खर्च नही हुआ. पिछले 6 वर्षों में सरकार सड़कों के लिए आवंटित 2545 करोड़ राशि का 67 प्रतिशत 1708 करोड़ खर्च नही कर पाई, फिर कैसे केजरीवाल 31 अक्टूबर तक दिल्ली की सड़कें बनाने का दावा कर रहे हैं?’

बीजेपी ने भी घेरा

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता कहते हैं, ‘आम आदमी पार्टी और केजरीवाल चुनाव देखकर सड़कों का गड्ढामुक्त करने का तमाशा कर रही है. दिल्ली सरकार जर्जर सड़कों को बनाने के लिए चुनावी वर्ष का इंतजार क्यों किया? सड़कें पहले भी बन सकती थीं, परंतु दिल्ली सरकार की सड़क बनाने की नियत ही नही थी. केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का परिणाम है दिल्ली की जर्जर सड़कें.’

सड़कों पर पांच साल में कितने खर्च किए?

अगर सड़कों पर पैसे खर्च करने की बात करें तो आपको बता दें कि 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री मंत्री सड़क पुर्ननिर्माण योजना (एमएसपीवाई) में कुल 400 करोड़ आवंटित हुए. लेकिन, सिर्फ 125 करोड़ ही खर्च हो सके. इसी तरह 6 वर्षों में लगभग 2545 करोड़ आवंटित हुए जिसकी 67 प्रतिशत राशि 1708 करोड़ खर्च भी नही हुई. पिछले 5 साल में दिल्ली की सड़कों पर तकरबीन 900 करोड़ रुपये ही खर्च हुए तो सड़कें दुरस्त कैसे होंगी?

2020 में शुरू की थी कवायद

केजरीवाल साल 2020 में दावा किया था कि साल 2023 की शुरूआत में दिल्ली की सभी सड़कों के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. सड़कों के किनारे रिक्शा के लिए पार्किंग, ग्रीन बेल्ट एरिया, पब्लिक ओपन स्पेस, साइकिल लेन, पैदल पाथ लेन के साथ कई और सुविधाएं भी मिलेंगी. लेकिन, आज साल 2024 समाप्त होने वाला है और दिल्ली सरकार जर्जर सड़कों को दिवाली से पहले गड्ढामुक्त करने की कवायद में जुटी है. बता दें कि बोलीविया की सड़कों को दुनिया में सबसे खतरनाक सड़क माना जाता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.