शनि की ढैया और साढ़ेसाती से हैं परेशान? भाद्रपद में इस दिन जरूर करें पूजा! मिलेगी मुक्ति

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गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्व को बेहद धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. गणेश चतुर्थी, ज्ञान, सौभाग्य और समृद्धि के देवता भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है.

यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने में मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म में सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा की जाती है, उनका जाप करने से सभी काम सिद्ध हो जाते है.

मान्यता है कि, गणेश चतुर्थी का व्रत रखने वाले मनुष्य को कुंडली में चल रही शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलती है और सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही उसके सभी प्रकार के भय और कष्ट दूर हो जाते हैं. जिन जातकों पर शनि देव की साढ़ेसाती या ढैया आदि चल रही है और वह शनिदेव जनित कष्टों से परेशान है 2024 में गणेश चतुर्थी का व्रत जरूर करें. इस दौरान भगवान गणेश की पूजा पाठ, उनके मंत्र आदि का जाप करना जातकों के लिए बेहद ही शुभ और विशेष फलदाई होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गणेश भगवान की पूजा अर्चना करने से सभी ग्रहों की शांति होने की धार्मिक मान्यता भी होती हैं.

कब है गणेश चतुर्थी?

हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी. जबकि इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत 7 सितंबर दिन शनिवार को होगा . शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करने, उनके स्त्रोत का पाठ करने और उनके निमित्त श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से शनि देव जनित कष्टों से मुक्ति मिलेगी. हिंदू धर्म में भगवान गणेश अग्र पूजा के अधिकारी हैं.

शनि की साढ़ेसाती से मिलेगी मुक्ति

पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि भगवान गणेश की पूजा पाठ करने से जीवन में खुशहाली, रिद्धि-सिद्धि, धन-लक्ष्मी आदि की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि, गणेश चतुर्थी का व्रत रखने वाले मनुष्य को कुंडली में चल रही शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलती है और सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही उसके सभी प्रकार के भय और कष्ट दूर हो जाते हैं.

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