पानी में डूबने की वजह से हुई थी अंकिता भंडारी की मौत, प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुले कई राज
अंकिता भंडारी की प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अंकिता के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। लेकिन, पीएम रिपोर्ट में मौत की वजह पानी में डूबने से ही बताई गई है।
एम्स ऋषिकेश के चार डॉक्टरों की टीम ने बीती शाम प्राथमिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी। सोमवार तक फाइनल रिपोर्ट सौंप दी जायेगी। मालूम हो कि बीती शनिवार को एम्स ऋषिकेश के चार डॉक्टरों की टीम ने अंकिता भण्डारी का पोस्टमार्टम किया। जिसमें एम्स के डॉ. रविप्रकाश, डॉ. आशीष रमेश, डॉ. विकास वैभव, डॉ. यशपाल शामिल थे।
बीती सुबह 9 बजे अंकिता का शव पोस्टमार्टम के लिये एम्स लाया गया। शाम करीब सात बजे प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस को सौंपी गई थी। प्रशासन ने चिकित्सकों के पैनल के साथ वीडियोग्राफी टीम भी लगाई। पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर कुछ चोट के निशान पाये जाने की बात सामने आ रही है।
हांलाकि प्राथमिक रिपोर्ट में अंकिता की मौत पानी में डूबने की बजह से ही हुई है। वह बताते है कि सोमवार तक फाइनल रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जायेगी। जिसके बाद ही सही जानकारी मिल पायेगी। सूत्रों की माने तो संभवत: अंकिता के साथ मारपीट करने के बाद उसे नहर में धकेला गया होगा।
बदरीनाथ हाईवे जाम
अंकिता के माता-पिता और भाई सहित भारी संख्या में ग्रामीणों ने बदरीनाथ हाईवे पर श्रीनगर में जाम लगाया हुआ है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। रविवार सुबह से ही लोगों का गुस्सा फूटा हुआ है। इससे पहले अंकिता के पिता ने अंतिम संस्कार करने से मना करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग की थी। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ वार्ता भी विफल साबित हुई है।
बुलडोजर चलने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा:एएसपी
एएसपी पौड़ी शेखर सुयाल का कहना है कि पुलिस टीम पहले ही रिसॉर्ट को खंगालकर पूरे कमरों की वीडियोग्राफी कर चुकी है। ऐसे में बुलडोजर चलने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह बताते है कि क्योंकि घटना चीला नहर पर घटी है और आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवर की गई है।
फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्य पुलिस के पास है। जिससे आरोपियों को सजा मिल जायेगी। मामले की जांच एसआईटी से भी कराई जा रही है। चीला चौकी प्रभारी श्रद्धानंद सेमवाल को विवेचना अधिकारी बनाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष भट्ट का कहना है कि यदि आरोपी के निशानदेही पर बॉडी मिलती है तो यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती को केस कमजोर हो सकता था।