अब आदित्य ठाकरे की विधायकी पर भी संकट! व्हिप के खिलाफ जाने पर लग सकता है झटका

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महाराष्ट्र विधानसभा में सोमवार को एकनाथ शिंदे सरकार ने बहुमत साबित कर दिया। इस दौरान सरकार को 164 मत मिले और 99 वोट ही खिलाफ गए।

एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ पड़े वोटों में से एक मत आदित्य ठाकरे का भी है, जिन्हें अब अयोग्यता की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर की ओर से एकनाथ शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना के चीफ व्हिप की मान्यता दी थी। उन्होंने शिवसेना के चीफ व्हिप के तौर पर गोगावाले को मान्यता दी थी, जिनकी ओर से एकनाथ शिंदे सरकार के समर्थन में वोट डालने की व्हिप जारी की थी।

दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे गुट की ओर से व्हिप सुनील प्रभु ने सरकार के खिलाफ वोट डालने को कहा था। इस पर उद्धव ठाकरे गुट के 15 विधायकों ने सरकार के खिलाफ मतदान किया था, जिनमें उद्धव ठाकरे भी शामिल हैं। अब कहा जा रहा है कि क्योंकि विधानसभा स्पीकर ने शिंदे गुट के चीफ व्हिप को ही मान्यता दी थी, ऐसे में उनके आदेश के उल्लंघन पर आदित्य ठाकरे और शिवसेना के अन्य 14 विधायकों के खिलाफ ऐक्शन हो सकता है। लेकिन ठाकरे कैंप की सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी पर उम्मीद टिकी है, जिसमें उनकी ओर से शिंदे गुट के व्हिप को मान्यता देने को चुनौती दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर अर्जी पर 11 जुलाई को सुनवाई करने की बात कही है। इससे पहले डिप्टी स्पीकर की ओर से एकनाथ शिंदे और अन्य 15 विधायकों को अयोग्यता के लिए जो नोटिस जारी किया था, उसे लेकर शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से कहा गया था कि जब तक इन विधायकों की अयोग्यता के नोटिस पर फैसला नहीं हो जाता है, तब तक फ्लोर टेस्ट की परमिशन नहीं दी जा सकती। हालांकि अदालत ने फ्लोर टेस्ट पर रोक से इनकार कर दिया था और जुलाई को सुनवाई की बात कही थी।

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