मुस्लिम देशों के लिए PM मोदी कैसे बने खास? कतर से कुवैत तक कमाल की दोस्ती, जानें यूएई क्राउन प्रिंस के दौरे के मायने
अबु धाबी (UAE) के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान दो दिन के दौरे पर भारत में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी मुलाकात हुई. क्राउन प्रिंंस का यह पहला भारतीय दौरा है.
लेकिन पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकात कोई नई नहीं हैं. फरवरी में पीएम मोदी यूएई गए थे, वहां भव्य मंदिर की आधारशिला रखी थी, जिसके लिए जमीन खुद यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान ने लीज पर दी थी. जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से 7 बार यूएई का दौरा कर चुके हैं. सिर्फ यूएई ही क्यों, बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर से लेकर सऊदी अरब तक, सबके साथ उनकी कमाल की दोस्ती है. आखिर इन मुस्लिम देशों के लिए पीएम मोदी कैसे खास बन गए. यूएई क्राउन प्रिंंस के दौरे से क्या हासिल होगा, आइए जानते हैं.
पीएम मोदी की वजह से खाड़ी देशों के साथ भारत के रिश्ते अब तक के सबसे ऊंचे मुकाम पर हैं. पीएम मोदी लगातार इन देशों की यात्राएं करते हैं. इनके नेताओं के साथ एक खास रिश्ता है. पीएम मोदी सात बार संयुक्त अरब अमीरात जा चुके हैं, तो 2-2 बार सऊदी अरब और कतर भी. यहां तक कि ओमान और बहरीन की भी यात्रा कर चुके हैं. साल 2015 में जब पीएम मोदी यूएई गए थे, तो 34 साल बाद कोई भारतीय पीएम यूएई के दौरे पर गया था. इससे समझ सकते हैं कि पीएम मोदी के लिए शुरू से ही यूएई कितना मायने रखता है. अब उसका फायदा भारत को मिल रहा है.
यूएई से भारत को क्या फायदा?
यूएई के राष्ट्रपति पीएम मोदी को अपना भाई बताते हैं. 2019 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ ज़ायेद’ से भी सम्मानित किया. यूएई मानता है कि मौजूदा इंटरनेशनल ऑर्डर में भारत की अहमियत काफी ज्यादा है. इसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जहां वह निवेश करके अच्छा खासा कमाई कर सकता है. इस रिश्ते से भारत को भी फायदा हो रहा है. पहली बार भारत कच्चा तेल भारतीय मुद्रा में खरीद रहा है. यूएई सबसे बड़े इन्वेस्टर्स में से एक है. यूएई के लिए भारत इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यूएई की कुल जनसंख्या में एक तिहाई भारतीय हैं.
पीएम मोदी की प्राथमिकता में खाड़ी देश क्यों?
1. सबसे बड़ी बात, भारत से बाहर जितने भी भारतीय रहते हैं उनमें से एक चौथाई से ज्यादा खाड़ी देशों में रहते हैं.
2. खाड़ी देशों में लगभग 90 लाख भारतीय, इनमें से 34.3 लाख अकेले यूएई में और 25.9 लाख सऊदी अरब में.
3. 10.3 लाख भारतीय कुवैत, 7.8 लाख ओमान, 7.5 लाख कतर और 3.3 लाख भारतीय बहरीन में रहते हैं.
4. विदेश में रहने वाले भारतीय जितना पैसा भेजते हैं, उसका आधा हिस्सा इन्हीं देशों में रहने वाले भारतीयों से आता है.
5. तेल और गैस चाहिए तो खाड़ी देशों से ही आता है. भारत की जरूरतों का लगभग 65 फीसदी तेल इन्हीं देशों से आता है.
6.कतर से एलएनजी आती है तो सऊदी अरब-ओमान से कच्चा तेल. जो भारत की जरूरतों को पूरा करते हैं.
7. यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. अरबों डॉलर का निवेश खाड़ी देशों से आता है.
8. सबसे महत्वपूर्ण बात, पाकिस्तान के भारत विरोधी एजेंडे का मुकाबला करने में खाड़ी देश हमेशा मदद करते हैं.