शारदीय नवरात्रि का पहला दिन, शैलपुत्री पूजा, गुरुवार व्रत भी साथ, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल

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शारदीय नवरात्रि की शुरूआत गुरुवार 3 अक्टूबर से है. इस दिन नवरात्रि का पहला दिन और गुरुवार व्रत है. इस दिन अश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि, हस्त नक्षत्र, इंद्र योग, किंस्तुघ्न करण, दक्षिण का दिशाशूल और कन्या राशि में चंद्रमा है.

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं. उससे पहले कलश स्थापना करने का विधान है. कलश स्थापना के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं, एक सुबह में और दूसरा दोपहर में. पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा करने से मनाचाहा जीवनसाथी, धन, यश, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है. मां शैलपुत्री को गुड़हल का फूल चढ़ाते हैं, गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाते हैं. इस बार की शारदीय नवरात्रि 9 दिनों की है.

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री पूजा के साथ गुरुवार व्रत भी है. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देवों के गुरु बृहस्पति की पूजा करते हैं. इनकी पूजा में पीले फूल, हल्दी, अक्षत्, चंदन, तुलसी के पत्ते, पंचामृत आदि शामिल करते हैं. भगवान विष्णु को गुड़, चने की दाल, बेसन के लड्डू का भोग लगाएं. पूजा के समय ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. विष्णु सहस्रनाम, गुरुवार व्रत कथा का पाठ और बृहस्पति देव के बीज मंत्र का जाप करें. इससे कुंडली का गुरु दोष दूर होगा. इस उपाय से जल्द विवाह के योग भी बन सकते हैं. गुरुवार के दिन पीले चावल, पीले कपड़ और फूल, गुड़, घी, पीतल के बर्तन, धार्मिक पुस्तक आदि का शुभ फलदायी होता है. वैदिक पंचांग से जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पहले दिन का शुभ मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, दिशाशूल, राहुकाल.

आज का पंचांग, 3 अक्टूबर 2024

आज की तिथि- प्रतिपदा – 02:58 ए एम, 4 अक्टूबर तक, उसके बाद द्वितीया
आज का नक्षत्र- हस्त – 03:32 पी एम तक, फिर चित्रा
आज का करण- किंस्तुघ्न – 01:38 पी एम तक, बव – 02:58 ए एम, 4 अक्टूबर तक, फिर बालव
आज का योग- इन्द्र – 04:24 ए एम, 4 अक्टूबर तक, उसके बाद वैधृति
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- गुरुवार
चंद्र राशि- ​कन्या – 05:06 ए एम, 4 अक्टूबर तक, उसके बाद तुला

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय

सूर्योदय- 06:15 ए एम
सूर्यास्त- 06:04 पी एम
चन्द्रोदय- 06:32 ए एम
चन्द्रास्त- 06:20 पी एम

शारदीय नवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह में 6:15 बजे से 7:22 बजे तक
दोपहर में घटस्थापना समय: 11:46 बजे से दोपहर 12:33 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त: 04:38 ए एम से 05:27 ए एम
अमृत काल: 08:45 ए एम से 10:33 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 ए एम से 12:33 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:08 पी एम से 02:55 पी एम
निशिता मुहूर्त: 11:46 पी एम से 12:34 ए एम, 4 अक्टूबर तक

अशुभ समय

राहुकाल- 01:38 पी एम से 03:07 पी एम
गुलिक काल- 09:12 ए एम से 10:41 ए एम
दुर्मुहूर्त- 10:12 ए एम से 10:59 ए एम, 02:55 पी एम से 03:43 पी एम
दिशाशूल- दक्षिण

रुद्राभिषेक के लिए शिववास

श्मशान में – 02:58 ए एम, 4 अक्टूबर तक, उसके बाद गौरी के साथ.

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