सुकर्मा योग में खरना कल, 36 घंटे के निर्जला व्रत के लिए स्वयं को तैयार करेंगे व्रती, जानें मुहूर्त, महत्व

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छठ महापर्व का शुभारंभ 5 नवंबर से हो चुका है. छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय है और दूसरा दिन खरना होता है. इस साल खरना 6 नवंबर बुधवार को है.

इस बार का खरना सुकर्मा योग में है. इस दिन व्रती स्वयं को 36 घंटे के निर्जला व्रत के लिए स्वयं को तैयार करते हैं. खरना वाले दिन व्रती तन और मन से स्वयं को शुद्ध करते हैं,

ताकि वे विधि विधान से व्रत को पूर्ण कर सकें. खरना वाले दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाते हैं. महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय से जानते हैं खरना के मुहूर्त, सुकर्मा योग और महत्व के बारे में.

खरना 2024 तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि का प्रारंभ 6 नवंबर बुधवार को 12:16 एएम से हो रहा है और इस तिथि का समापन 7 नवंबर गुरुवार को 12:41 ए एम पर होगा. ऐसे में पंचमी तिथि 6 नवंबर को है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 6 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना है.

सुकर्मा योग में है खरना

इस साल खरना के दिन सुकर्मा योग बना है. उस दिन सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर सुबह 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. उसके बाद धृति योग प्रारंभ होगा, जो पूर्ण रा​त्रि तक होगा. खरना वाले दिन मूल नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दिन में 11:00 बजे तक है. उसके बाद से पूर्वाषाढा नक्षत्र है.

खरना 2024 मुहूर्त

खरना के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:52 ए एम से 05:45 ए एम तक है. इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है. उस दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त नीचे दिए गए हैं.

चर-सामान्य मुहूर्त: 09:20 ए एम से 10:42 ए एम तक
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 10:42 ए एम से 12:05 पी एम तक
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 12:05 पी एम से 01:27 पी एम तक
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 02:49 पी एम से 04:11 पी एम तक

खरना वाले दिन सूर्योदय और सूर्यास्त

खरना के दिन नई दिल्ली में सूर्योदय सुबह 6 बजकर 37 मिनट पर होगा, वहीं सूर्यास्त शाम को 5 बजकर 32 मिनट पर होगा.

खरना का महत्व

छठ पूजा के दूसरे दिन खरना से व्रत शुरू होता है. खरना की रात में खीर बनाते हैं. उसे खाकर 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखते हैं. खरना के दिन सूर्य षष्ठी पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है.

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