चीन के होश आए ठिकाने, एलएसी पर पीछे हटाए सैनिक, जयशंकर ने दी डील की डिटेल

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भारत और चीन के बीच पूर्व लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले चार सालों से जारी गतिरोध को लेकर सोमवार को बड़ी खबर आई. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ एलएसी विवाद को लेकर हुए समझौते के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘विदेश सचिव ने जो कहा है मैं भी वही कह सकता हूं… हम (चीन के साथ) एक समझौते पर पहुंच गए हैं… हम कह सकते हैं कि चीन के साथ सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है.’

एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री जयशंकर एलएसी विवाद के बारे में विस्तार से बात करते हुए बताया कि ‘हम 2020 में जहां गश्त कर रहे थे, उसी तरह से वापस जा सकेंगे.’ जयशंकर ने कहा, ‘हम गश्त पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं और हम 2020 की स्थिति पर वापस आ गए हैं. इसके साथ ही हम कह सकते हैं कि चीन के साथ डिसइंगेजमेंट (सैनिकों की वापसी) पूरा हो गया है. इसके डिटेल समय आने पर सामने आएंगे.’

विदेश मंत्री जयशंकर ने इसके साथ ही कहा, ‘ऐसे क्षेत्र हैं जहां 2020 के बाद विभिन्न कारणों से उन्होंने हमें रोका, हमने उन्हें रोका. अब हम एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसके तहत उन सभी जगहों पर गश्त कर सकेंगे, जैसा कि हम 2020 तक करते रहे हैं.’ विदेश मंत्री ने कहा कि एलएसी पर सफलता एक अच्छी घटना है, जो “धैर्य और दृढ़ कूटनीति” के कारण हुई है.

सूत्रों के मुताबिक, एलएसी विवाद पर भारत और चीन के बीच हुए समझौते के तहत अब देपसांग और डेमचॉक पर भारतीय सैनिक एक बार फिर से पेट्रोलिंग कर सकेंगे. इसके अलावा बाकी चार बफर पॉइंट पर भी पेट्रोलिंग होगी शुरू होगी.

यहां सबसे पहले पैंगोग के फिंगर एरिया और गलवान के पीपी-14 से डिसइंगेजमेंट हुआ. इसके बाद गोगरा में पीपी-17 से चीनी सैनिक हटे और फिर हॉट स्प्रिंग एरिया में पीपी-15 से सैनिकों की वापसी हुई. अभी तक ये बफर जोन बने हुए थे, जिनमें न तो भारत के सैनिक पेट्रोलिंग कर रहे थे ना ही चीन के सैनिक… हालांकि अब इन पेट्रोलिंग पॉइंट्स पर भी फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है.

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