योगी के विधायकों का फंड 5 करोड़, तो आतिशी दिल्ली में देने जा रहीं 15 करोड़, चुनाव से पहले आप का बड़ा खेल
दिल्ली के विधायक अब देश में सबसे ‘अमीर’ होंगे! दिल्ली सरकार ने विधायक फंड 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये करने का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री आतिशी ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. चुनाव से चंद महीनों पहले दिल्ली के विधायकों का फंड बढ़ाया गया है. आप जानकर हैरान होंगे कि यूपी में विधायकों को खर्च करने के लिए सिर्फ 5 करोड़ रुपये हर साल मिलते हैं. वो भी योगी सरकार ने दो साल पहले बढ़ाया था. दिल्ली में विधायकों को जितना फंड मिलता है, उतना देश के किसी भी राज्य में नहीं मिलता.
बीजेपी ने आरोप लगाया कि जब दिल्ली राजस्व घाटे में चल रही है, ऐसे समय में एमएलए फंड बढ़ाना ठीक नहीं था. इसके पीछे राजनीति है. चुनाव से पहले बड़ा खेल किया जा रहा है. इसका जवाब देते हुए दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, दिल्ली में इस बार बहुत बारिश हुई थी. सड़कें फुटपाथ और सीवर की समस्या दिखी थी. विधायक मुझसे मिल रहे थे कि विधायक फंड बढ़ाया जाए. दोनों दलों के विधायक ने ये मांग की थी. इसलिए ये फैसला लिया गया है.
कहां मिलते हैं कितने रुपये
देश की बात करें, तो गुजरात सरकार अपने विधायकों को सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपये देती है, जबकि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश की सरकार 2-2 करोड़ रुपये देती है. इन राज्यों के आंकड़े गिनाते हुए आतिशी ने कहा, ओडिशा, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश अपने विधायकों को सिर्फ 3 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए देते हैं. महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तराखंड 5 करोड़ रुपये देते हैं. जबकि हम दिल्ली के विधायकों को 15 करोड़ विधायक फंड में देने जा रहे हैं. यह ना केवल देश में सबसे ज्यादा है बल्कि मौजूदा राज्यों से तीन गुना ज्यादा है. हमारी सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि दिल्ली वालों के काम न रुकने पाएं.
राजस्व घाटे पर बीजेपी को जवाब
राजस्व घाटे के बीजेपी के आरोपों पर सौरभ भारद्वाज ने कहा, बीजेपी 22 राज्यों में एक राज्य बता दे कि किसी एक राज्य में मुनाफे में सरकार चला रहे हैं. जैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने 10 साल में चलाई है. वैसी कहीं नहीं चला रहे हैं. हरियाणा को लेकर पार्टी हित ऊपर रखने के राहुल गांधी के बयान पर सौरभ भारद्वाज ने कहा, राहुल गांधी अपनी पार्टी के नेताओं से कुछ भी कहें तो ये उनकी पार्टी का विषय है. उसमें हमारा कोई लेना देना नहीं है.