केजरीवाल सरकार के इन 3 बड़े अस्पतालोंं का हाल खराब, बिना दवा लिए लौट रहे मरीज, जाने से पहले कर लें पता
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का वादा करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार में अस्पतालों का हाल-बेहाल हो गया है. दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पतालों में शुमार लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल और इंदिरा गांधी अस्पताल द्वारका फिलहाल अव्यवस्था की भेंट चढ़े हुए हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
इन तीनों अस्पतालों में बेसिक दवाओं के स्टॉक तक खत्म हो गए हैं. मरीज डॉक्टरों से दवाएं लिखवाने के बाद जब अस्पताल की निशुल्क फार्मेसी में जाते हैं और घंटों लाइनों में लगते हैं तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. इन अस्पतालों में कैल्शियम-आयरन से लेकर एविल और रेंटेक जैसी बेसिक दवाएं भी मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं और मरीज पैसा खर्च कर उन्हें बाहर मेडिकल स्टोर्स से खरीद रहे हैं.
आईजी अस्पताल में 45 दवाओं का टोटा, वायरल हुआ पर्चा
हाल ही में दिल्ली के द्वारका स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल का एक पर्चा काफी वायरल हुआ है, जिसमें सितंबर 2024 में अस्पताल में स्टॉक में खत्म हो चुकीं या बेहद सीमित मात्रा में बचीं 45 दवाओं के नाम लिखे हुए हैं. ये बेसिक दवाएं हैं, जो आमतौर पर अस्पताल की इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को आपातकालीन या प्राथमिक इलाज के तौर पर दी जाती हैं.
इस पर्चे में रेनटेक, कुत्ते-बिल्ली के काटने पर लगाई जाने वाली एंटी रेबीज वैक्सीन, किसी भी प्रकार की एलर्जी में इस्तेमाल होने वाली लाइफ सेविंग ड्रग एविल की गोली, किसी मरीज के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबेलेंस हो जाता है या डेंगू आदि बीमारी में दी जाने वाली सोडा बायकार्ब, ईसीजी रॉल, ब्लीडिंग में इस्तेमाल होने वाली इमरजेंसी ड्रग्स शामिल थीं, जो अस्पताल में खत्म हो चुकी हैं.
दीनदयाल उपाध्याय में 4 में से मिल रही एक दवा
पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर स्थित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल की ओपीडी में दिखाने के बाद फार्मेसी में दवा लेने पहुंची रुखसार ने बताया कि वे प्रेग्नेंट हैं और उन्हें कैल्शियम की भी गोली नहीं मिली. उनसे कहा गया कि बाहर से खरीद लें. यही स्थिति मरीज मीजान ने बयां की. उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने पर्चे में 4 दवाएं लिखी थीं जिनमें से दो दवाएं ही फार्मेसी से निशुल्क मिली हैं, बाकी दवाओं को लेकर कहा गया कि हैं नहीं, बाहर से खरीदें.
मरीजों ने बताया कि ऐसा कई दिनों से चल रहा है. यहां दवाएं न मिलने की वजह से मरीजों को मजबूरी में बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. ऐसे में सरकारी अस्पताल का क्या ही फायदा है. इस दौरान मरीज सरकार को भी कोसते नजर आए.
एलएनजेपी में भटक रहे हीमोफीलिया के मरीज
दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में पहुंचे हीमोफीलिया के मरीज दिनेश और मोहम्मद सादिक ने बताया कि उन्हें हीमोफीलिया है. उन्हें रक्त का थक्का बनाने के लिए इंजेक्शन से दवा दी जाती है लेकिन सुबह से अस्पताल में आने के बाद उन्हें इंजेक्शन नहीं मिल पाया. कहा गया कि इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. ऐसे ही कई अन्य मरीज भी अस्पताल में दवा के लिए भटकते मिले.
क्या बोला अस्पताल प्रबंधन
अस्पतालों में दवाओं की कमी पर दीनदयाल उपाध्याय अस्पतालऔर इंदिरा गांधी अस्पताल द्वारका के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बीएल चौधरी ने इन सभी बातों से इनकार किया और कहा कि अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं.