अल-हिंद: क्‍या है पाकिस्‍तान का ना-पाक प्‍लान? ISIS के जरिए भारत के खिलाफ तैयार की जा रही फौज

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भारत के खिलाफ गजवा-ए-हिंद के प्‍लान में नाकाम रहने वाला पड़ोसी देश पाकिस्‍तान ‘अल हिन्द’ के नए प्‍लान के साथ सामने आया है. पाकिस्‍तान ISIS के ऑपरेशन ‘अल हिन्द’ को भारत में लागू करना चाहता है.

यह हिंदुस्तान के खिलाफ ISIS की सबसे बड़ी साजिश है. पाकिस्‍तान की बदनाम खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर भारत में ‘अल हिंद’ के तहत रिक्रूटमेंट की जा रही है. आईटी सेल के जरिये हिंदुस्तान में आतंकियों की भर्ती की जा रही है. इसके तहत नौजवानों का ब्रेन वॉश कर उन्‍हें आतंक का पाठ पढ़ाया जा रहा है. उनके दिमाग में जिहादी सोच को भरा जा रहा है.

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हाथ में ISIS द्वारा भेजे जा रहे मैसेज के स्क्रीन शॉट्स लगे हैं, जिससे समझा जा सकता है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भारतीय नौजवानों के दिमाग में नफरत का बीज बो रहा है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कभी घाटी तो कभी दिल्ली और कभी उत्तर प्रदेश और बंगलुरू को टारगेट कर बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने में जुटी है. जिसके लिए उसने हिंदुस्तान के नौजवानों के दिमाग में नफरत पैदा कर उन्हें बरगलाने के लिए बाकायदा रिक्रूटमेंट सेल खोला है, लेकिन इस रिक्रूटमेंट सेल का हेड कौन है और कैसे नौजवानों को भड़काकर ISI अपने नापाक मंसूबो को अंजाम देने के लिए उनका इस्तेमाल करती है, आइए आपको अब जरा तफसील से बताते हैं!

भारत में काम कर रहा रिक्रूटमेंट सेल

दरअसल, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इसका जिम्मा मोस्टवांटेड आतंकी फरतुल्लाह गोरी उर्फ सरदार साहेब उर्फ फारू को दिया है. पाकिस्तान में ISI की गोद में बैठकर फरतुल्लाह देश के खिलाफ साजिश तैयार करता है. हिंदुस्तान में ISIS फिर से मॉड्यूल तैयार करने में जुटा है, जिसके लिए उसने बाकायदा एक रिक्रूटमेंट सेल तैयार किया है जिसका पूरा ब्लू प्रिंट सामने आ चुका है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ISIS के ऑपरेशन ‘अल हिंद’ को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, इस रिपोर्ट में मोस्ट वांटेड आतंकी फरतुल्लाह के खौफनाक मंसूबो का पूरा आतंकी चिट्ठा मौजूद है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे ISI के इशारे भारत में ISIS का बड़ा मॉड्यूल तैयार करने की साजिश रच रहा है.

टेलीग्राम ग्रुप में 1200 लोग

ISIS का आईटी सेल ISIS के टेलीग्राम एवं व्हाट्सप्प ग्रुप के जरिये नौजवानों का ब्रेनवॉश कर उन्हें जिहादी एवं मुजाहिद बनाता है, जिसके लिए उन्हें भारत में हिन्दूओं द्वारा मुसलमानों पर हो रहे अत्यचार के फर्जी प्रोपोगंडा के जाल में फंसाया जाता है. ये वीडियो ISIS के कुछ खास टेलीग्राम ग्रुप में डाले जाते हैं. इनके हर एक ग्रुप में लगभग 1200- 1300 लोग होते हैं. जिनके दिमाग में फेक प्रोपोगंडा के जरिये हर रोज ये डाला जाता है कि किस तरह से हिन्दू मुस्लिम पर अत्यचार कर रहे है. जिहाद एवं हिन्दू को कुफ्र करने वाला, काफिर, दज्जाल बता बता कर मारने की बात को गलत तरीके से पेश कर इस्लाम से जोड़ा जाता है, जिसके लिए इन ग्रुप के लिंक्स का इस्तेमाल किया जाता है-

एजेंसियों को भनक लगने से पहले बन जाता है नया ग्रुप

किसी भी नौजवान के दिमाग मे नफरत भरने के बाद उस मुजाहिद को अल मुक्ताबीर ग्रुप में जोड़ा जाता है, जहां उन्हें मनबा-उल-जिहाद, उमर मीडिया, आर्मी ऑफ मेहदी, अबू हफसा, जिहाद-फल-सबिअल्‍लाह, अल मुतरजिम नशीद मीडिया और भी उर्दू और अरबी ग्रुप में शामिल कर जिहाद के नाम पर लड़ने और हथियार उठाने के लिए भड़काया जाता है. खास बात ये है कि इस ग्रुप में 200 से 300 मुजाहिद शामिल किये जाते हैं और जांच एजेंसियो को गच्चा देने के लिए हर हफ्ते इन ग्रुप को बंद कर नया ग्रुप का लिंक टेलीग्राम bot के जरिये मेम्बर्स तक पहुंचाया जाता है. इसके बाद तैयार होता है एक मुजाहिद्दीन जिसे लोन वॉरियर, नशीर-ए-हिंद, ग्रीन बर्ड्स, विलयाह-हिंद, अल-हिंद जैसे ग्रुपों में शामिल कर आतंक की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें हथियार चलाने से लेकर बम बनाने तक की ट्रेनिंग होती है. इन ग्रुप में एक बार में 100 से 200 मुजाहिद्दीन शामिल होते है. साथ ही, दवलाह साइबर डिवीजन ग्रुप बना कर उन्हें मोबाइल से सम्बंधित सिक्योरिटी को लेकर जानकरी भी दी जाती है, जिसमें बताया जाता है कि कैसे सभी मुजाहिद्दीन अपने ऑपरेटर से सिक्योर नेटवर्क के जरिये मोबाइल पर जुड़ सकता है. एक नौजवान को मुजहिद्दीन बनाने के बाद उसे ISI द्वारा तय टास्क दिया जाता है, जिसके लिए अलग से टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाये जाते हैं.

भारत में देते हैं आतंकी गतिविधियों को अंजमा

पसबन ऑफ इंडिया, आइज ऑफ हिन्द, स्‍टूडेंट ऑफ हिन्द, मैसेज ऑफ इस्लाम, पासबान मूवमेंट ऑफ इंडिया, दरगढ़-ए-हिन्द, गजवातुल हिन्द, अल कासिम, मुस्लिम इन इंडिया, अल हक, अल हिंद, अल हक, दवाह तो हक्क, मुस्लिम ऑफ हिन्द. इस एक ग्रुप में 400 लोगो को शामिल किया जाता है. यहां दंगो से लेकर लोगो को मारने एवं आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बारे में खुलकर चर्चा की जाती है. खास बात ये कि हर महीने इस ग्रुप को बंद कर नया ग्रुप बना दिया जाता है.

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