Wayanad landslide: घंटों से कीचड़ में दबे सैकड़ों लोग, अब मेरठ से भेजे जा रहे कुत्ते करेंगे इनकी तलाश, जानें खासियत
केरल के वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद चारों ओर तबाही का मंजर है. 123 लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी सैकड़ों लोग कीचड़ में दबे हुए हैं.
पुलिस-एनडीआरएफ की टीमें उन्हें निकालने की कोशिश कर रही है. दर्जनों लाशें मिट्टी से निकाली जा चुकी हैं. लेकिन अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं. प्रशासन को शक है कि वे सभी कीचड़ में दबे हो सकते हैं. इसलिए उन्हें निकालने के लिए मेरठ से सेना के कुत्ते भेजे जा रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन्हें खास तरीके से ट्रेंड किया गया है.
रक्षा मंत्रालय के एक जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, सेना में बेल्जियन, मैलिनोइस, लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड नस्ल वाले विशेष खोजी कुत्ते शामिल हैं, जिन्हें वायनाड के मेप्पाडी भेजा जा रहा है. ये सूंघ कर कीचड़ में दबे जीवित और मर चुके लोगों का पता लगाने में सक्षम हैं. इन सभी को मेरठ के रिमाउंट वेटरनरी कोर सेंटर (आरवीसी) में कई वर्षों तक ट्रेंड किया गया है.
मुख्यमंत्री ने सेना से मांगी थी इनकी मदद
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सेना से अनुरोध किया था कि वे वायनाड में अपने ट्रेंड कुत्तों की एक टीम भेजें. क्योंकि उन्हें सूचना मिली है कि क्षेत्र से सैकड़ों लोग लापता हैं. संभवतः वे कीचड़ एवं चट्टानों के तेज बहाव में बह गए हैं. वे इसके नीचे भी दबे हो सकते हैं. क्योंकि जहां लैंडस्लाइड हुई है, वहां काफी मोटी कीचड़ जमा हो गई है. ऐसे में उसके नीचे दबे लोगों को बाहर निकाल पाना मुश्किल हो रहा है. प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें भी उन्हें तलाश नहीं पा रही हैं. कई लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन उनका शव भी निकाला जाना है. ऐसे में ये कुत्ते दबे हुए लोगों को बाहर निकालेंगे.
पहले भी केरल में किया कमाल
इससे पहले भी कई बार सेना के इन खोजी कुत्तों ने केरल के कवलप्परा और पुथुमाला में लैंड स्लाइड के दौरान शवों को निकालने में अधिकारियों की मदद की थी. बता दें कि मेरठ आरवीसी में ऐसे सैकड़ों कुत्तों को ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें आपदा वाली जगहों पर बचाव कार्य में मदद के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. आतंक के खिलाफ अभियानों में भी इनकी मदद ली जाती है. इतना ही नहीं, ड्रग्स की तलाश करने में भी ये काफी अहम भूमिका निभाते हैं.
अब तक 35 शवों की पहचान
मुख्यमंत्री ने बताया कि 123 शवों में से 50 की पहचान कर ली गई और उनमें से 35 को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया. विशेष मोर्चरी की व्यवस्था की जा रही है. अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं. खोज एवं बचाव टीमों ने बह गए लोगों के शरीर के अंग भी बरामद किए हैं. सेना और नौसेना भी बचाव अभियान में शामिल हो रही है. सीएम ने कहा, अज्ञात शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट भी किए जाएंगे.