कन्नड़ नहीं आती तो मत जाइए बैंगलोर, कर्नाटक में 100% रिजर्वेशन, प्राइवेट कंपनी में भी जॉब नहीं, इंडस्ट्रियलिस्ट का विरोध

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हरियाणा के बाद अब कर्नाटक में भी प्राइवेट कंपनियों में स्‍थानीय लोगों को ही भर्ती करने का नियम लागू करने की तैयारी है. मुख्‍यमंत्री सिद्धरमैया की अगुवाई वाली कैबिनेट ने राज्‍य में स्‍थापित प्राइवेट कंपनियों में सिर्फ कन्‍नड़ भाषी लोगों को ही नौकरी देने वाले कैबिनेट नोट को मंजूरी दे दी है.

इसके साथ ही कर्नाटक में 100 फीसदी रिजर्वेशन लागू करने की ओर राज्‍य सरकार ने कदम बढ़ा द‍िए हैं. मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया के जर‍िये दी. हालांक‍ि, बाद में उन्‍होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया.

कामर्स एवं इंडस्‍ट्री मिनिस्‍टर एमबी पाटिल ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर इसके बारे में व‍िस्‍तार से बताया. एमबी पाटिल ने लिखा, भारत अभी चाइना प्‍लस वन नीति के तहत मैन्‍युफैक्‍चरिंग और इंडस्ट्रियल रिवोलूशन की तरफ बढ़ रहा है. प्रतिस्‍पर्धा के इस दौर में कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे राज्‍य अपना बेहतर योगदान दे रहे हैं. यह सभी राज्‍यों की जिम्‍मेदारी है कि इसमें भागीदारी बनें. ऐसे में हमने कन्‍नड़भाषियों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए मुख्‍यमंत्री महोदय से इस पर चर्चा की. आपको बता दें कि हरियाणा का मामला आज भी कोर्ट में लंबित है.

उद्योगों पर कोई असर नहीं

कॉमर्स मिनिस्‍ट ने कहा कि इस मुद्दे पर काफी विस्‍तार से चर्चा हुई और फिर 100 फीसदी रिजर्वेशन लागू करने का फैसला किया गया. मैं आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि इस फैसले से कन्‍नड़भाषियों के हितों की रक्षा होगी. साथ ही इंडस्‍ट्री पर भी कोई असर नहीं होगा. कर्नाटक काफी प्रगतिशील राज्‍य है और हम अगले 100 सालों तक यहां के औद्योगीकरण को खोने का चांस नहीं ले सकते हैं. मैं उद्योगों को आश्‍वस्‍त करना चाहता हूं कि उन्‍हें इस फैसले डरने की जरूरत नहीं है.

क‍िन नौकरियों पर रिजर्वेशन लागू

कर्नाटक की कैबिनेट ने मंगलवार को ही 100 फीसदी रिजर्वेशन वाले बिल पर मुहर लगा दी है. यह रिजर्वेशन प्राइवेट कंपनियों में ग्रुप सी और डी लेवल की नौकरियों पर लागू होगा. सरकार का कहना है कि हम कन्‍नड़ आधारित राज्‍य हैं और उनके हितों की रक्षा करना हमारा पहला अधिकार है. इस बिल के पास होते ही विरोध भी शुरू हो गया है. उद्यमियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि इस फैसले कंपनियों की कमाई और कामकाज पर असर पड़ेगा.

कोर्ट में फंसेगा मामला

कानून के विश्‍लेषकों का मानना है कि हरियाणा की तरह कर्नाटक का रिजर्वेशन मामला भी कोर्ट में फंस जाएगा. हरियाणा सरकार ने भी 30 हजार से कम सैलरी वाली पोस्‍ट पर प्रदेश के लोगों को 70 फीसदी आरक्षण देने का नियम लागू किया था, जिस पर फिलहाल चडीगढ़ हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. जानकारों का कहना है कि इस तरह के आरक्षण से संविधान के मूलभूत अधिकारों का हनन होता है और आर्टिकल 35 का उल्‍लंघन करता है. जाहिर है कि कर्नाटक सरकार का फैसला भी कोर्ट में जाकर फंस सकता है.

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