इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी की रिपोर्ट करें, कोरोना पर केंद्र की एडवाइजरी, राज्यों से अलर्ट रहने को कहा

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केंद्र ने सोमवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से देश में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और जेएन.1 स्वरूप का पहला मामला सामने आने के बीच निरंतर निगरानी बनाए रखने को कहा.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे एक पत्र में रेखांकित किया कि “केंद्र और राज्य सरकारों के बीच लगातार और सहयोगात्मक कार्यों के कारण हम (कोविड-19 के) मामलों की संख्या कम करने में सक्षम हुए.”

उन्होंने कहा, “हालांकि, कोविड-19 वायरस का प्रकोप जारी है… इसलिए सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए गति को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.” पंत ने कहा कि हाल में केरल जैसे कुछ राज्यों में कोविड​​-19 के मामलों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. भारत में कोविड-19 के उप स्वरूप जेएन.1 का पहला मामला आठ दिसंबर को केरल में सामने आया था.

उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए राज्यों को बीमारी के प्रसार के जोखिम को कम करने के लिए अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय और अन्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए. पंत ने कहा कि राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कोविड​​-19 के लिए साझा की गई संशोधित निगरानी रणनीति को लेकर विस्तृत दिशानिर्देशों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करें.

उन्होंने मामलों का जल्द पता लगाने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिला आधारित मामलों की नियमित आधार पर निगरानी और रिपोर्ट करने को कहा है. राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे सभी जिलों में कोविड-19 जांच दिशानिर्देशों के अनुसार पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें और आरटी-पीसीआर और एंटीजन जांच की अनुशंसित हिस्सेदारी बनाए रखें.

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