क्यों टूट जाती हैं सात जन्म की कसमें? ज्योतिष से जानें शादी टूटने के कारण और उपाय
सनातन धर्म में, शुभ मुहूर्त में शादी का होना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन समय के साथ-साथ शादी के नियमों में बदलाव हो रहा है. अंबिकापुर के ज्योतिष पंडित योगेश नारायण मिश्रा बता रहे हैं कि कई बार शादी के दूसरे-तीसरे दिन ही तलाक की स्थिति बन जाती है, जिसके कई कारण हो सकते हैं.
पंडित योगेश नारायण मिश्रा ने ज्योतिष के माध्यम से बताया कि आजकल समाज में विवाह टूटने का प्रमुख कारण मुहूर्त का अभाव, मुहूर्त की अनदेखी और ज्योतिष परम्पराओं को नजरअंदाज कर देना है. हिंदू धर्म में तलाक या विवाह विच्छेद का स्पष्ट वर्णन नहीं है. विवाह को पक्का करने की प्रक्रिया, जिसे मिलापाक कहा जाता है, जिसमें 36 गुण होते हैं, जिनमें से 18 गुणों का मेल होना महत्वपूर्ण होता है. हालांकि, आज के समय में लोग इसे अनदेखा कर रहे हैं, जिसके कारण संबंध टूट रहे हैं.
शुभ मुहूर्त में शादी न होना
पंडित जी ने बताया कि विवाह में अच्छे मुहूर्त का चयन पंचांग के आधार पर किया जाता है. उन्होंने बताया कि मुहूर्त का अभाव या मुहूर्त की अनदेखी के कारण विवाह में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं. इसके लिए विवाह में मिलाप की प्रक्रिया में पंचेस्ट (पंचम के इष्ट के अभाव) का ध्यान रखना महत्वपूर्ण माना जाता है. यदि यह अभाव होता है, तो विवाह के बाद संबंध टूटने, लड़ाई, मन मुटाव और संतान की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. उन्होंने मुहूर्त की महत्वपूर्णता को बताया और लोगों से कहा कि मुहूर्त का विशेष ध्यान देना चाहिए और इसके लिए पंडित जी की सलाह लेनी चाहिए. आजकल लोग होटल के हिसाब से शादी का समय तय कर रहे हैं, जिससे सही मुहूर्त का मिलाप नहीं होने की समस्या उत्पन्न हो रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सही मुहूर्त में शादी करने से भी यदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो समाज के लोग बैठकर ठीक कर लेते हैं.