45 मिनट तक आंखों के सामने गोलियां बरसाते रहे हमास आतंकी… इजराइल से लौटी राजस्थान की बेटी ने सुनाई खौफनाक कहानी

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“मेरा एक एक पल इजराइल में कैसे कट रहा था वह मुझे ही पता है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी में ऐसा दिन भी मुझे कभी देखना पड़ेगा. हम सैकड़ो लोग वहां पर फंसे थे बाहर दूसरे देश के द्वारा मिसाइल दागी जा रही थी, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि कोई मर भी रहा है.

मिसाइल अटैक ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली थी. मुझे और मेरे साथियों को डर था कि कहीं यह दिन हमारा आज आखिरी दिन नहीं बन जाए. उस समय मुझे मेरी मम्मी और पापा की बहुत याद आ रही थी. मैं बहुत ज्यादा डरी हुई थीं डरी हुई थी…” यह सब दृश्य देखे हैं और महसूस किया भारतीय नागरिक आंचल चौधरी ने. अंचल चौधरी ने लोकल 18 से बात करते हुए खौफनाक कहानी सुनाई.

इजराइल व हमास के बीच भयंकर युद्ध चल रहा है. युद्ध के बीच से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत लाया जा रहा है. शुक्रवार सुबह विशेष विमान द्वारा इजराइल से 211 भारतीय नई दिल्ली पहुंचे थे. इसमें सीकर के लक्ष्मणगढ़ की शिव कॉलोनी की आंचल चौधरी भी शामिल हैं. शुक्रवार दोपहर आंचल अपने घर पहुंची. आंचल इजराइल के एरियल यूनिवर्सिटी में बाल न्यूरो साइंस में पीएचडी कर रही हैं. आंचल इसी साल 19 जून को ही इजराइल गई थी.

आंचल ने बताया कि भारतीय दूतावास अधिकारी व भारत सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए काम किया जा रहा है. दूतावास अधिकारी वॉट्सएप के जरिए भारतीय नागरिकों से जुड़े हैं. भारतीय दूतावास डेंजर जोन में रहने वाले स्टूडेंट्स को वॉट्सएप लिंक भेज रहा है और उनको निकाला जा रहा है.

आंचल ने बताया कि इजराइल में उसका हॉस्टल फिलिस्तीन की सीमा के पास था. आतंकी हॉस्टल के पास भी पहुंच चुके थे. उस दौरान आतंकियों व इजराइली फौज के बीच 45 मिनट तक गोलीबारी का दौर जारी रहा. इसमें सभी आतंकी मारे गए. आंचल ने बताया कि फोन पर फ्रंट लाइन नाम की एप के जरिए मिसाइल अटैक का पहले ही आम नागरिकों को पता चल जाता है.

साथ ही अलार्म सिस्टम व हवाई हमलों से बचने के लिए शेल्टर रूम भी लगाए गए हैं. आम नागरिक अलार्म बजते ही शेल्टर रूम तक पहुंच जाते हैं. आंचल तो विशेष विमान से अपने घर भारत आ चुकी है लेकिन आंचल को मलाल है वो अपनी पालतू बिल्ली रेनबो को साथ नहीं लाई. उसे वो अपने साथी डॉक्टर के पास छोड़कर आई है.

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