कंगाली की कगार पर BYJU’S लौटाएगा पैसा, कर्जदारों को 9953 करोड़ देने को तैयार, बनाया ये प्लान

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आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही इंडियन एडटेक कंपनी बायजूस ने अपने कर्जदारों को पैसा लौटाने का एक प्रस्ताव दिया है. हैरानी की बात है कि इस कंपनी ने 6 महीने से भी कम समय में अपने पूरे 1.2 बिलियन डॉलर के रेकरिंग लोन का भुगतान करने की पेशकश की है भारतीय रुपयों में यह रकम 9953 करोड़ रुपये है. न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह बताया है.

अगर संशोधन प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो कंपनी 3 महीने के भीतर संकटग्रस्त लोन का 300 मिलियन डॉलर चुकाने और बाकी राशि अगले 3 महीनों में भुगतान करने की पेशकश कर रही है. पहचान उजागर नहीं होने की शर्त पर लोगों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कर्जदार इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे हैं और रिपेमेंट कैसे किया जाएगा, इसके बारे में और जानकारी मांग रहे हैं.

कंपनी और कर्जदारों के बीच जारी है विवाद

बायजूस और उसके कर्जदाता लगभग एक साल से संघर्ष में फंसे हुए हैं. इस दौरान लोन एग्रीमेंट को लेकर कई दौर की बातचीत असफल रही. कंपनी ने अपने टर्म लोन पर ब्याज का भुगतान नहीं करने का निर्णय लिया, जो विश्व स्तर पर किसी स्टार्टअप द्वारा सबसे बड़े ऋणों में से एक है.

इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि कंपनी ने जल्द समाधान के लिए संशोधित प्रस्ताव को लागू करने की मांग की है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि दोनों पक्ष किसी समझौते पर पहुंचेंगे या नहीं. यह भारत के सबसे मूल्यवान $22 बिलियन वर्थ वाले स्टार्टअप को फिर से पटरी पर लाने के लिए एक बड़े व्यापक अभियान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही बायजूस

वहीं, इस पूरे मामले पर ऋणदाताओं के एक प्रतिनिधि ने कंपनी के पुनर्भुगतान प्रस्ताव के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वहीं, बायजूक के प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. दरअसल एडटेक कंपनी बायजूस पिछले डेढ़ साल से आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है. पिछले साल सिंतबर 2022 में वित्‍तीय आंकड़े जारी होने पर कंपनी की आर्थिक बदहाली के बारे में पता चला. कंपनी के आंकड़ों से मालूम हुआ कि बायजूस को वित्‍त वर्ष 2021 में 4,589 करोड़ का घाटा हुआ. यही नहीं उसकी आय भी 30 फीसदी गिरकर 2,428 करोड़ पर पहुंच गई.

इसके अलावा, Byju’s में कॉरपोरेट गवर्नेंस, बहीखातों में गड़बड़ी और बड़े पैमाने पर छंटनी जैसी दिक्कतें भी जारी हैं. इतना ही नहीं बायजूस ने कर्जदाता टीएलबी को 1.2 बिलियन डॉलर का कर्ज चुकाने से इंकार भी कर चुकी है.

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