हरिद्वार में कल से शुरू होगी सावन की कांवड़ यात्रा, पहुंचेंगे करोड़ों कांवरिया, उमड़ेगा आस्था का जनसैलाब

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उत्तर भारत में आस्था का सबसे बड़ा मेला कावड़ मेला 4 जुलाई से हरिद्वार में शुरू हो रहा है. इस साल सावन महीने के कावड़ मेले में प्रशासन को करीब 5 करोड़ कावड़ियों के हरिद्वार पहुंचने का अनुमान है.

ये संख्या पिछले साल लगभग चार करोड़ थी. कांवड़ मेले की तैयारियों के लिए प्रशासन के अधिकारी पिछले एक महीने से जुटे हुए थे, आज तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है. कांवड़ मेला में शिव भक्तों की बेतहाशा भीड़ जुटती है. पश्चिमी यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में शिवभक्त हरिद्वार पहुंचते हैं और फिर गंगाजल भरकर वापस अपने गंतव्य को रवाना होते हैं.

ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस को सुरक्षा और व्यवस्था के खास इंतजाम करने पड़ते हैं. इस बार मेले को सुरक्षा के नजरिए से 12 सुपर जोन, 33 जोन में बाटा गया है. वहीं पूरे मेला क्षेत्र में 153 सेक्टर बनाए गए हैं. सभी सेक्टरों में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. मेले में प्रदेश की पुलिस के अलावा पीएससी, आरएएफ, पैरामिलिट्री फोर्सेस समेत करीब 5000 की संख्या में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहेंगे.

तेज आवाज में डीजे बजाने पर प्रतिबंध

इस बार कांवड़ मेले में तेज ध्वनि में डीजे बजाने और ऊंची कांवड़ पर प्रतिबंध रहेगा. कई चरणों में हुई अंतर राज्य बैठकों में दूसरे राज्यों के जिलों से आए अधिकारियों से भी अपने जिलों से हरिद्वार आने वाले कावड़ियों को इसके लिए एक जागरूक करने की अपील की गई है. कावड़ियों को सीमित आवाज में डीजे बजाने की अनुमति दी जाएगी. वहीं हॉकी, त्रिशूल और डंडे लेकर भी कावड़ यात्रा में आने की मनाही है.

10 जुलाई से 17 जुलाई तक चरम पर रहेगी कावड़ यात्रा

हरिद्वार के एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले के लिए ड्यूटी तैनात कर दी गई है. इसके साथ ही रूट डायवर्जन प्लान भी तैयार है, जिन्हें मेले के अलग-अलग चरणों में लागू किया जाएगा. 4 जुलाई से मेला शुरू हो रहा है जबकि 6 जुलाई से पंचक लग जाएंगे. इसलिए शुरुआती चरण में भीड़ कम नजर आएगी. हालांकि 10 जुलाई से 17 जुलाई तक कावड़ यात्रा अपने चरम पर रहेगी.

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