शराब घोटाला केस में झटका! मनीष सिसोदिया 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए, अब तिहाड़ में मनेगी होली

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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने सोमवार को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

अब उन्हें 20 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाएगा. इससे पहले, 4 मार्च को उनकी सीबीआई हिरासत दो दिन के लिये बढ़ा दी गई थी, जिसकी मियाद आज खत्म हो रही थी. विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने एजेंसी को सोमवार को आम आदमी पार्टी के नेता को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया था.

सीबीआई ने साल 2021-22 की आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में 26 फरवरी की शाम सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. पिछले साल जून में दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई है.

Updates:

–सीबीआई के वकील ने कहा, ‘हम और सीबीआई रिमांड नहीं मांग रहे हैं, लेकिन अगले 15 दिनों में हम इसकी मांग कर सकते हैं.’

–दिल्ली की आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

–‘आप’ नेता आतिशी भी कोर्ट पहुंचीं हैं, वे मनीष सिसोदिया से बातचीत कर रही हैं.

–आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सीबीआई रिमांड खत्म होने पर राउज एवेन्यू कोर्ट लाया गया.

–4 मार्च को सुनवाई के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने सिसोदिया की और तीन दिन के लिये हिरासत मांगी थी. हालांकि, अदालत ने फिलहाल सिसोदिया की सीबीआई हिरासत दो दिन के लिये ही बढ़ाई.

–सिसोदिया के वकील ने सीबीआई की याचिका का विरोध किया. वकील ने कहा कि जांच पूरी करने में एजेंसी की अक्षमता हिरासत का आधार नहीं हो सकती और उन्हें खुद को दोषी मानने के लिए नहीं कहा जा सकता है. सिसोदिया ने कहा कि सहयोग नहीं करना हिरासत का आधार नहीं हो सकता है और उन्होंने हिरासत के अनुरोध संबंधी सीबीआई की याचिका का विरोध किया.

–आदेश सुनाए जाने के बाद सिसोदिया ने अदालत से कहा कि हालांकि सीबीआई हिरासत में उनके साथ अच्छा व्यवहार कर रही है, लेकिन बार-बार एक ही सवाल पूछे जाने से मानसिक प्रताड़ना हो रही है. इसके बाद अदालत ने सीबीआई से कहा कि वह उनसे बार-बार एक ही सवाल न पूछे. इससे पहले, सिसोदिया को 27 फरवरी को पांच दिन की सीबीआई की हिरासत में भेजा गया था.

–सिसोदिया को 2021-22 के लिए आबकारी नीति के विभिन्न पहलुओं पर लगभग आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. जांच एजेंसी का कहना है कि आबकारी नीति तैयार करने और कार्यान्वयन दोनों में अनियमितताएं थीं और उसका मकसद आप से जुड़े लोगों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाना था.

–सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया के जवाब से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने आरोप लगाया था कि सिसोदिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार किया गया. सीबीआई ने एक बयान में कहा था, ‘उन्होंने टालने वाले जवाब दिए और सबूत दिखाए जाने के बाद भी उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया है.’

–सीबीआई की प्राथमिकी में आरोपी संख्या एक के रूप में जिक्र किये गये सिसोदिया से इससे पहले पिछले साल 17 अक्टूबर को पूछताछ की गई थी. इसके एक महीने बाद, पिछले साल 25 नवंबर को एजेंसी ने अपना आरोपपत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने आरोपपत्र में सिसोदिया को नामजद नहीं किया था क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके और अन्य संदिग्धों तथा आरोपियों के खिलाफ जांच खुली रखी थी.

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