बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को पुलिस की क्लीन चिट, नहीं मिले अंधविश्वास फैलाने के सबूत

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बागेश्वर धाम महाराज नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर पुलिस ने को क्लीन चिट दे दी है. पुलिस के मुताबिक, धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ अंधविश्वास फैलाने के सबूत नहीं मिले.

नागपुर पुलिस का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम से जुड़े वीडियो में वह कहीं भी अंधविश्वास फैलाते नहीं पाए गए. नागपुर के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने यह जानकारी देते हुए यह भी साफ किया कि पुलिस ने सिर्फ नागपुर वाले कार्यक्रम के वीडियो की जांच की है.

दरअसल महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े श्याम मानव की शिकायत पर नागपुर पुलिस ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री के नागपुर वाले प्रोग्राम के वीडियो की जांच की थी. महाराष्ट्र के नागपुर में पिछले हफ्ते धीरेंद्र शास्त्री की राम कथा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने उनके इसी कार्यक्रम में दिव्य दरबार पर आपत्ति जताई थी और धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास तथा जादू-टोना को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ क्या थी शिकायत?

श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर आम लोगों से धोखाधड़ी करने और उन्हें ठगने का आरोप लगाते हुए कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री ‘दिव्य दरबार’ की आड़ में ‘जादू-टोना’ को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा था, ‘धीरेंद्र शास्त्री जो ‘दिव्य दरबार’ के नाम से सभा करते हैं, उसमें दो कानूनों का उल्लंघन होता है. पहला है- 2013 का महाराष्ट्र का जादू-टोना विरोधी कानून और दूसरा है- 1954 का ड्रग्स एंड रेमेडीज एक्ट.’

इसके साथ ही उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी थी कि अगर वह उनके सामने चमत्कार करके दिखाते हैं तो अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति उन्हें 30 लाख रुपये देगी. वहीं धीरेंद्र शास्त्री ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा था कि वह कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं और न ही किसी की समस्या दूर कर रहे हैं.

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