बंगाल में भाजपा के प्रदर्शन के दौरान हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त, ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

0 112

कोलकाता की सड़कों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों के बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के गृह सचिव से रिपोर्ट मांगी है।

हाईकोर्ट ने हिंसक प्रदर्शन को लेकर 19 सितंबर तक रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि राज्य सचिवालय तक विरोध मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के चलते बंगाल के कुछ हिस्से मंगलवार को संघर्ष के मैदान में बदल गए।

राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘नबन्ना अभियान’ में हिस्सा लेने के लिए राज्य भर से भाजपा समर्थक मंगलवार सुबह कोलकाता और पड़ोसी हावड़ा पहुंचे थे। लेकिन इस दौरान हावड़ा स्टेशन के आसपास की सड़कें मंगलवार को संघर्ष के मैदान में तब्दील गईं जहां पुलिसकर्मियों पर पथराव हुआ और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

अब इस घटना को लेकर उच्च न्यायालय ने कोलकाता पुलिस को किसी भी व्यक्ति को “अवैध रूप से” हिरासत में नहीं लेने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न हो। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों के बीच लालबाजार इलाके में एक पुलिस वाहन को आग लगा दी गई, जबकि संतरागाछी में पथराव किया गया। घटना में कई लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है।

हावड़ा पुल के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का सहारा लिया। कोलकाता के हेस्टिंग्स से विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, राहुल सिन्हा और सांसद लॉकेट चटर्जी सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया। वे विरोध मार्च के दौरान संतरागाछी जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी हिरासत में लिया था। हिरासत में लिए गए नेताओं को लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.