पंजाब चुनाव: सिद्धू और चन्नी का झगड़ा, फिर ED की रेड, कैसे बने बनाए खेल में पिछड़ती दिख रही कांग्रेस

0 108

सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की करीब 4 महीने पहले जब कांग्रेस ने पंजाब में ताजपोशी की थी तो माना जा रहा था कि यह उसका मास्टर स्ट्रोक है। दलित समुदाय से आने वाले चन्नी को सीएम बनाया जाना पार्टी की बड़ी पहल थी।

पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था और तब आम आदमी पार्टी बैकफुट पर नजर आई थी। लेकिन यह कार्ड अब कमजोर होता दिख रहा है। एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू का रवैया उनकी छवि को कमजोर करता दिख रहा था तो अब प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनके भतीजे भूपिंदर पाल सिंह के घर पर रेड ने रही-सही कसर पूरी कर दी है। इस रेड के बाद से अरविंद केजरीवाल ने उन पर हमले तेज कर दिए हैं।

ED की रेड में किसका घाटा? पर आप को है सीधा फायदा

सीएम चन्नी लगातार अपनी आम व्यक्ति होने की छवि पेश कर रहे थे। लेकिन इस रेड ने उनकी इस छवि पर सवाल जरूर खड़े किए हैं। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच लंबी छिड़ी रार के बाद जब पूर्व सीएम को हटाया गया तो माना जा रहा था कि आखिर अब सीएम कौन होगा। सिद्धू को लेकर राय बंटी हुई थी, जबकि सुनील जाखड़ जैसे चेहरे सिख न होने के चलते पिछड़ गए। फिर नाम आया चरणजीत सिंह चन्नी का, जो सिख होने के साथ ही दलित समुदाय से भी आते थे। इससे कांग्रेस ने एक साथ दो वर्गों को साधने की संभावना देखी और उन्हें सीएम बना दिया।

चन्नी की राह में शुरुआत से ही कांटे बोते रहे हैं सिद्धू

चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनते ही पार्टी के आगे नई तरह की मुश्किलें आने लगीं। लंबी जद्दोजहद के बाद कैप्टन को सीएम पद से हटता देखने वाले सिद्धू ने इस बार भी मौका गंवा दिया और इसका मलाल उनके रवैये से साफ था। डीजीपी की नियुक्ति से लेकर अन्य तमाम मुद्दों पर वह चन्नी से भिड़ते दिखे और प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे तक की पेशकश कर दी। यही नहीं हाईकमान की ओर से समझाने के बाद उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया, लेकिन चुनाव प्रचार में ज्यादातर चन्नी से अलग ही नजर आए हैं। यहां तक कि अपनी ओर से ही कई जगहों पर वह प्रत्याशियों का ऐलान करते दिखे और जब किसी और प्रत्याशी को मौका मिला तो उन सीटों पर आंतरिक कलह मच गई।

इन तीन वजहों से पंजाब में अब बैकफुट पर दिख रही कांग्रेस

कांग्रेस हाईकमान पर वह लगातार सीएम फेस घोषित करने को लेकर भी दबाव बनाते रहे हैं। वह बिना दूल्हे के कैसी बारात जैसे बयानों से पार्टी के आगे मुश्किल खड़ी कर चुके हैं, जबकि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में उतरने की बात करती रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी की ओर से भगवंत मान को सीएम फेस घोषित करने के बाद से पार्टी भी दबाव की स्थिति में है। इस तरह आपसी कलह, सीएम फेस का घोषित न होना और अब चन्नी के परिजनों के घर बड़ी रकम बरामद होने से कांग्रेस बैकफुट पर दिख रही है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.