जया एकादशी से फरवरी का शुभारंभ, कब है माघ पूर्णिमा, महाशिवरात्रि, फुलेरा दूज? जान लें इस माह के व्रत-त्योहार

0 242

अंग्रेजी कैलेंडर का दूसरा माह फरवरी आज से शुरू हुआ है. फरवरी माह में ही हिंदू कैलेंडर का अंतिम माह फाल्गुन भी प्रारंभ होगा. फरवरी माह व्रत और त्योहार की दृष्टि से काफी महत्वूपर्ण है.

इस माह का प्रारंभ जया एकादशी व्रत से हुआ है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि समेत और भी शुभ योग बने हैं. फरवरी में माघ पूर्णिमा, महाशिवरा​त्रि, फुलेरा दूज, होलाष्टक, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी, शनि प्रदोष व्रत, सोमवती अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या आने वाली है. महाशिवरा​त्रि तो शिव भक्तों के लिए साल का सबसे बड़ा पर्व है. इस दिन भगवान शिव की पूजा पूरे देशभर में होती है. इस माह में गुरु रविदास जयंती और राम भक्त शबरी की भी जयंती हैं.

तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि फरवरी माह के ये व्रत और त्योहार कब और किस दिन पड़ने वाले हैं. इन व्रतों को करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और पुण्य फल मिलता है. आइए जानते हैं फरवरी के व्रत और त्योहारों के बारे में.

फरवरी 2023 के व्रत और त्योहार

01 फरवरी, दिन बुधवार: जया एकादशी व्रत, भीष्म द्वादशी व्रत
02 फरवरी, दिन गुरुवार: गुरु प्रदोष व्रत
05 फरवरी, दिन रविवार: माघ पूर्णिमा व्रत, माघी पूर्णिमा, गुरु रविदास जयंती
06 फरवरी, दिन सोमवार: फाल्गुन मास शुरू
09 फरवरी, दिन गुरुवार: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी

13 फरवरी, दिन सोमवार: कुंभ संक्रांति, शबरी जयंती, मासिक कालाष्टमी व्रत
14 फरवरी, दिन मंगलवार: जानकी जयंती
17 फरवरी, दिन शुक्रवार: विजया एकादशी
18 फरवरी, दिन शनिवार: महाशिवरात्रि, शनि प्रदोष व्रत, फाल्गुन मासिक शिवरात्रि
20 फरवरी, दिन सोमवार: सोमवती अमावस्या, फाल्गुन अमावस्या

21 फरवरी, दिन मंगलवार: फुलेरा दूज
23 फरवरी, दिन गुरुवार: फाल्गुन विनायक चतुर्थी
25 फरवरी, दिन शनिवार: मासिक स्कंद षष्ठी
27 फरवरी, दिन सोमवार: होलाष्टक प्रारंभ, रोहिणी व्रत, मासिक दुर्गाष्टमी

माघ के चार प्रमुख व्रत

माघ माह के चार प्रमुख व्रत फरवरी में हैं. इसमें जया एकादशी, भीष्म द्वादशी, माघ पूर्णिमा और गुरु प्रदोष व्रत है. गुरु प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा का दिन है. प्रदोष व्रत के दिन शाम के समय में शिव पूजा करते हैं. जया एकादशी और माघ पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा करते हैं.

भीष्म द्वादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है. महाभारत काल में पितामह भीष्म की मृत्यु के बाद माघ शुक्ल द्वादशी तिथि पर उनके अंतिम क्रिया कलाप किए गए थे. इस वजह से भीष्म द्वादशी पर पूजा पाठ करने से रोग, पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

फुलेरा दूज से होली का आगमन

हर साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज मनाते हैं. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण फूलों की होली खेलते हैं. भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा की जाती है. फुलेरा दूज से होली का शुभारंभ माना जाता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.